आज़ाद ... बेहद ...बेपरवाह बचपन
माँ के आँचल में , पापा के कंधे पर . ..
दोस्तों से घिरा , खिलोनो से भरा
मिटटी से सना , बुराइयों से अनछुआ
पत्थर कंकड़ , सीपी ,
फूल ,पत्तियां और किताबें
बूंदो की टिप टिप , ट्रैन की छुक छुक में
हंसी के फुहारों में , चाँद में सितारों में
उत्साह , जिज्ञासा , अनगिनत ख्वाइशें
अननन्त ...अपार ..अनहद ... बचपन
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