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Friday, January 16, 2015

बचपन


आज़ाद ... बेहद ...बेपरवाह  बचपन 
माँ  के   आँचल  में   , पापा  के  कंधे  पर . ..

दोस्तों  से  घिरा  , खिलोनो  से  भरा 
मिटटी  से  सना  , बुराइयों  से  अनछुआ

पत्थर   कंकड़ , सीपी , 
फूल  ,पत्तियां  और  किताबें  

बूंदो  की  टिप  टिप  , ट्रैन  की  छुक  छुक  में 
हंसी के  फुहारों  में , चाँद  में  सितारों  में 

उत्साह  , जिज्ञासा , अनगिनत  ख्वाइशें 
अननन्त  ...अपार  ..अनहद ... बचपन 




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